दिल की ये आवाज सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
बहकावे में ना आओ तुम, लहरों में ना मिल जाओ तुम
तुम हो सागर, तुम हो नदिया, ये चिर जगत तुम्हारे मस्तक में बसता
अपनी अहमियत पहचानो तुम, भीड़ में ना मिल जाओ तुम
छल प्रपंच की है ये दुनिया, पीछे ना रह जाओ तुम
दिल की ये आवाज़ सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
बंद पड़े दिल के दरवाजे धीरे से तो खोलो तुम
इस अनंत आसमान में, ढृढ़ अटल खड़े रहो तुम इस गतिमान तूफान में
इस चिर धरा के असीम जगत में राहु केतु बन जाओ तुम
निर्भीकता से, निश्चयता से, आगे बढ़ते जाओ तुम
छल प्रपंच की है ये दुनिया, भीड़ में ना मिल जाओ तुम
दिल की ये आवाज़ सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
ये जीवन है बहती धरा, बाधाओं से ना घबराओ तुम
जिस डगर से मिलती मंजिल की राहें कदम वहा बढाओ तुम
करो बुलंद अपने हौसले को, अपनी सोइ शक्ति जगाओ तुम
आत्म विश्वास है तुम्हारी ताकत, भारत माँ के वीर सपूत कहलाओ तुम
दुनिया के इस रंग मंच में, कही खो ना जाओ तुम
दिल की ये आवाज़ सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
आज का युग है बड़ा निराला, दिखावे का है बोलबाला
इस स्थिति में, इस हालात में, सत्य को पहचानो तुम
देखो, समझो, और निस्वार्थ भाव से चलते जाओ तुम
इस देश की धरोहर तुम, अपनी ताक़त पहचानो तुम
छल प्रपंच की है ये दुनिया, कही पीछे ना रह जाओ तुम
दिल की ये आवाज़ सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
सूरज की तरह चमको तुम, चट्टानों से टकराओ तुम
उठो, चलो, बढ़ो तुम अपने कर्त्तव्य पथ पे, इतिहास लिखते जाओ तुम
ये जीवन है संघर्ष की आंधी फिर भी ना घबराओ तुम
समय की बहुत तेज रफ़्तार है, निरंतर चलते जाओ तुम
छल प्रपंच की है ये दुनिया, कही पीछे ना रह जाओ तुम
दिल की ये आवाज़ सुनो, बहकावे में ना आओ तुम ।
A. M. Gautam
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