क्या लिखू अपने भाई के लिए… छोटा है पर बहुत बड़े काम कर जाता है
क्या लिखू अपने भाई के लिए…
छोटा है पर बहुत बड़े काम कर जाता है
मुश्किल चाहे कितनी भी हो, थोड़ा भी नहीं घबराता है
खुद रहता है एक छोटे से घर में, हमारे लिए महल ढूंढ के लाता है
क्या लिखू अपने भाई के लिए, छोटा है पर बहुत बड़े काम कर जाता है
गर्मी हो या बरसात, आंधी हो या तूफान,
बीमार होके भी घर नहीं आता है
होली हो या दीवाली, अकेले ही मुस्कुराता है
जिद करने पे कभी कभी वीडियो कॉल पे नजर आता है
क्या लिखू अपने भाई के लिए, छोटा है पर बहुत बड़े काम कर जाता है
अक्सर लड़ते है जो भाई जमीन के लिए,
अपने बहन के लिए प्लाट बेच जाता है
कीमत चाहे जो भी हो अपने बहन के लिए राजकुमार ही लाता है
इस भाई का दर्द भला कौन समझ पाता है
जो छोटे से उम्र में पापा की सारी जिम्मेदारियां उठाता है
क्या लिखू अपने भाई के लिए, छोटा है पर बहुत बड़े काम कर जाता है
जिस भाई से लड़ते थे हम राखी में चंद पैसो के लिए
उसने क्या दे दिया, ये आज हमें समझ में आता है
दिल में चाहे कितने भी दर्द हो, हर पल मुस्कुराता है
खुद को भूल हमारे लिए ही सपने संजोता है।
क्या लिखू अपने भाई के लिए, छोटा है पर काम बड़े कर जाता है
Kajal Kumari
I do accept as true with all the ideas you have introduced to your post. They are very convincing and will definitely work. Still, the posts are very quick for novices. May just you please lengthen them a little from subsequent time? Thank you for the post.
I could not resist commenting. Exceptionally well written!